000 01191nam a2200145 4500
020 _a8185341044
082 _aH891.431
_bRAM/R
100 _aरामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar)
245 _a रश्मिरथी (Rashmiratthi)
260 _aAllehabad
_bLokbharati prakashan
_c2001
300 _a139 p.
520 _aरश्मिरथी में दिनकर ने सारे सामाजिक और पारिवारिक सम्बन्धों को नये सिरे से जाँचा है। चाहे गुरु-शिष्य सम्बन्धों के बहाने हो, चाहे अविवाहित मातृत्व और विवाहित मातृत्व के बहाने हो, चाहे धर्म के बहाने हो, चाहे छल-प्रपंच के बहाने। युद्ध में भी मनुष्य के ऊँचे गुणों की पहचान के प्रति ललक का काव्य है 'रश्मिरथी'।
650 _ahindi poem
942 _cBK
999 _c67580
_d67580