000 | 01076cam a2200145ua 4500 | ||
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020 | _a8170284635 | ||
082 |
_aH891.432 _bCHA/A |
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100 | 0 | _aचन्द्रगुप्त विद्यालंकार (Chandragupt Vidyalankar) | |
245 | 1 | 2 | _aअशोक (Ashok ) |
260 |
_c2005 _aDelhi _bRajpal |
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300 | _a127p. | ||
520 | _aपुस्तक का विवरण : देखिए न भाई साहब ! अभी-अभी जब आप दोनों आपस में बहस कर रहे थे तो मैं कुछ दूर खड़े रद्द कर मंदिरों के वाद्य की अस्पष्ट ध्वनि सुनने का मजा ले रहा था | अचानक एक स्वर मुझे ऐसा भी सुनाई दिया, जो कल ही भाभी ने मुझे सुनाया था | ओह, भाभी इसराज, कितना अच्छा बजाती है… | ||
650 | 0 | _aHindi literature | |
942 | _cBK | ||
999 |
_c20257 _d20257 |