000 00943cam a2200133ua 4500
082 _aH891.431
_bNAR/S
100 0 _aनरेश मेहता (Naresh mehta)
245 0 0 _a संशय की एक रात (Samshay ki ek rath )
260 _aAllehabad
_bLokbharathi
_c1999
300 _a63 p.
520 _a'संशय की एक रात' में कवि ने राम के भीतर युद्ध के प्रति संशय पैदा कर एक आधुनिक मनुष्य की चिन्ता प्रकट की है, राम के चरित्र की पुनर्रचना की है, जिसकी सम्भावना राम के चरित्र में है और निश्चय ही यह कृति हिन्दी साहित्य की उपलब्धि है।
650 0 _aHindi literature
942 _cBK
999 _c20245
_d20245