रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar)
रश्मिरथी (Rashmiratthi) - Allehabad Lokbharati prakashan 2001 - 139 p.
रश्मिरथी में दिनकर ने सारे सामाजिक और पारिवारिक सम्बन्धों को नये सिरे से जाँचा है। चाहे गुरु-शिष्य सम्बन्धों के बहाने हो, चाहे अविवाहित मातृत्व और विवाहित मातृत्व के बहाने हो, चाहे धर्म के बहाने हो, चाहे छल-प्रपंच के बहाने। युद्ध में भी मनुष्य के ऊँचे गुणों की पहचान के प्रति ललक का काव्य है 'रश्मिरथी'।
8185341044
hindi poem
H891.431 / RAM/R
रश्मिरथी (Rashmiratthi) - Allehabad Lokbharati prakashan 2001 - 139 p.
रश्मिरथी में दिनकर ने सारे सामाजिक और पारिवारिक सम्बन्धों को नये सिरे से जाँचा है। चाहे गुरु-शिष्य सम्बन्धों के बहाने हो, चाहे अविवाहित मातृत्व और विवाहित मातृत्व के बहाने हो, चाहे धर्म के बहाने हो, चाहे छल-प्रपंच के बहाने। युद्ध में भी मनुष्य के ऊँचे गुणों की पहचान के प्रति ललक का काव्य है 'रश्मिरथी'।
8185341044
hindi poem
H891.431 / RAM/R